हमारे जीवन मे धन और धर्म दोंनो की ही जरूरत पड़ती है। आज मैं इस लेख में बताऊँगी की हमारे जीवन मे धन और धर्म की क्या अहिमयत (Value) है।
धन नही तो कोई कुछ खरीद या आपने जरूरत को पूरा नही कर पायेंगा। जहाँ धर्म नही वहाँ पर इंसान की कोई इज्जत नही होती है।
तो आपके लिए दोनों में से क्या जरूरी है?
विषय - सूची
एक राजा, किसान और दो रानी की कहानी
एक गाँव मे एक राजा रहता था। राजा को गाँव वाले अपने भगवान मानते थे।
एक दिन एक गरीब किसान उनके पास गया और बोला – हे राजन मुझे धन और धर्म दोंनो चाहिये। राजा अब सोच में पड़ गए कि धन और धर्म दोनों कैसे दे दूँ।
राजा ने किसान से कहा मुझे समय चाहिए सोचने के लिए, उसके बाद वह वहाँ से अपने रानियों के पास चले जाते है। राजा की दो रानियाँ थी।
राजा पहली रानी के पास जाकर पूछते है कि – हे रानी आपको धन और धर्म मे से क्या चाहिए ?
रानी ने उत्तर दिया कि – धर्म लेकर क्या करेंगे ? धन रहेंगा तो हमे खाने पीने और आनंद के काम आएगा।
इतना सुनकर राजा वहाँ से अपनी दूसरी रानी के पास चले जाते है।
अपनी दूसरी रानी से भी वहीं बात पूछते है कि – धर्म तथा धन में से आपको क्या चाहिए ? रानी ने उत्तर दिया कि – धन लेकर क्या करेंगे ? जब धर्म यानी कि इज्जत तथा शान ही न रहे धन का क्या फायदा ! हमे तो धर्म चाहिए।
राजा दूसरी रानी की बात सुनकर बहुत खुश हुए। राजा दूसरी रानी के साथ महल को छोड़कर आश्रम में चले जाते है।
धन तथा धर्म कहानी से क्या शिक्षा मिला ?
इस कहानी से हमे यह सीखने को मिलता है कि –
- धर्म रहेगा तो धन हम मेहनत से काम कर के पा सकते हैं।
- जब धर्म ही नही रहेंगा तो धन का कोई मतलब नही है।
=> चाकू से खिंचा किस्मत की लकीर और बन गया दुनिया का सबसे महान इंसान
=> मेहनत के फल का महत्व : कुँवा, रस्सी तथा पत्थर
धन्यवाद !