पानी या जल – What is water ?, पानी का इतिहास, पानी का इस्तेमाल aadi to apne padh hi liya hoga. ab ham baat karenge ki पानी का गुण व महत्त्व kya hota hai ?
विषय - सूची
पानी के गुण (Properties of Water)
- पानी ही एक ऐसा पदार्थ है जो तीनो अवस्था ” ठोस, द्रव और गैस ” में पाया जाता है।
- जल जब ठोस अवस्था में हो तब द्रव अवस्था में तैरता है।
- जल ज्वलनशील पदार्थ नही होता है।
- गैर ज्वलनशील होते हुए भी पानी में आग लगाया जा सकता है।
- शुद्ध जल पारदर्शी होता है।
- इसमे बहुत से पदार्थ घुल जाते है, इसी लिए इसे सर्व विलायक कहा जाता है।
- शरीर के कोशिका (Cell) में पाए जाने वाले लगभग सभी मुख्य अवयव (components) जल में घुल जाते है। जैसे – डीएनए, प्रोटीन इत्यादि।
- शुद्ध जल H2O कि विद्युत चालकता कम होती है।
- शुद्ध जल में नमक (NaCl) मिलाने से विद्युत चालकता अच्छी मात्रा में बढ़ जाती है।
- जल 1 एटीएम के मानक दबाव पर 0ºC से 100ºC तापमान के बीच द्रव रहता है।
- जल जब जम (फ्रीज) जाता है तब इसका आयतन लगभग 9% बढ़ जाता है।
- साधारणत: दबाव बढ़ाने से जल का गलनांक घटता है।
- जब जल यानी H2O कि प्रकिया विद्युतधनात्मक तत्वों (जैसे – सोडियम, कैल्सियम आदि) से होती है तब प्रतिक्रिया बहुत ही ज्यादा विस्फोटक होती है।
- 3.98ºC पर जल का घनत्व सबसे उच्च होती है।
- यह बहुत ही कम चिपचिपा (Viscous) वाला द्रव है।
- जल कि विशिष्ट ऊष्मा अन्य किसी सामान्य पदार्थ से बहुत उच्च (4.186 joule/gram°C) होती है।
- इसे आदर्श द्रव कि श्रेणी में रखा जाता है। हालांकि पूर्ण रूप के कोई भी द्रव आदर्श नही होता है।
पानी का महत्त्व (Importance of Water)
सभी सजीव में जल का अंश है, अर्थात जल ही जीवन है। मानव शरीर में लगभग 40% जल होता है। इससे साफ़ पता चलता है कि मनुष्य के लिए जल का क्या महत्त्व है। अगर हमारे शरीर में से 2.5% जल कि छोटी मात्रा भी कम हुयी तो निर्जलीकरण, पिला पेशाब आना, चक्कर आना, कमजोरी महसूस होना, सर दर्द, थकान, कब्ज जैसी परेशानी हो सकती है।
जल शरीर के कुछ खास कार्य प्रणाली जैसे तरल पदार्थ, लिम्फ, कोशिकाओं, ऊतकों, रक्त और ग्रंथियों के स्राव की गतिविधियों को संतुलित करता है। इसके अलावा शरीर में तरल पदार्थ, लिम्फ, कोशिकाओं, ऊतकों, रक्त और ग्रंथियों के स्राव की गतिविधियों को नियंत्रित करता है।
एक व्यक्ति का शरीर ( शरीर के माप के अनुसार ) लगभग 55% से 75% जल से मिलकर बना है। जल शरीर के अन्दर सभी पोषक तत्वों को पचाने में पाचन क्रिया के साथ योगदान करता है। साथ ही साथ अपशिष्ट पदार्थ को मल-मूत्र के रूप में बाहर निकालने में मदद भी करता है।
मानव शरीर से रोज लगभग 2% जल पसीने, उन्मूलन, श्वसन और पेशाब के माध्यम से बाहर निकलता है। और यदि इस कमी को संतुलित नही किया जाए तो परेशानी बढ़ना लाज़मी है। हालाँकि बीमारी और व्यायाम के दौरान शरीर से जल स्राव और अधिक बढ़ जाती है। इसीलिए रोजाना 2 लीटर जल पीना आवश्यक होता है।
मानव शरीर और बाकी के जीवों के अलावा पानी का महत्त्व खेती, परिवहन, कारखाने, खोज संबंधी विज्ञान काम में, खाना बनाने, कपड़े धोने इत्यादि चीजो के लिए भी बहुत ही ज्यादा है।