आग ऐसी चीज है जो कही भी कभी भी लग सकती है। आग कुछ मिनटों मे झोपड़ी को जला सकती है और कुछ मिनटों मे हजारों नुकसान हो सकता है। आग कभी-कभी ऐसा रूप धारण कर लेती है कि किसी कि जान भी ले सकती है करोड़ों का नुकसान हो सकता है। आग जंगलों मे, बाजारों मे, घरों मे इत्यादि कही भी लग सकती है।
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सर्वप्रथम आग कहा से आया और कैसे आया?
हमारे पृथ्वी पर पहले आदिमानव निवास करते थे, जो जंगलों मे रहते थे। और सभी जीवों का मांस कच्चे खा जाते थे। एक बार की बात है, आदि मानव ने एक जानवर को पत्थर उठा के मारा और वो पत्थर जाकर उस जानवर को न लगकर एक पत्थर से जाकर टक्करा गया और वहाँ से कुछ चिनगारी निकली। उस आदि मानव ने देखा कि एक पत्थर दुसरे पत्थर से टकराने के बाद उसमें से चिनगारी निकल रहा है। उसने पुनः कोशिश कि और दो पत्थर लेकर आपस मे रगड़ते है उसमें से आग निकलने लगता हैं।
आग के प्रकार
FIRE को हम पाँच (5) भाग में विभाजित कर सकते हैं। वैसे देखा जाए तो आग लगने के कई वजह हो सकती हैं, अतः यही वजह आग की प्रकार बन जाती है।
- सामान्य – सामान्य आग मे जैसे कोयला, कपड़े, लकड़ी, कागज इत्यादि सब जलते है।
- बिजली से लगने वाले – इसमे बिजली संबंधी आग लगती है। जो बिजली से चलती हैं जैसें टेन, प्रेस, हिटर या तारों के शार्ट-सर्किट इत्यादि।
- ज्वलनशील तरल और गैस – इसमे पेट्रोल, डीजल, मिट्टी के तेल, एल.पी.जी., गैस सिलेन्डर का गैस आदि जैसे से आग लग जाना, सब इनके अंतर्गत आता है।
- तेल और वसा – वनस्पति और जानवर के वसा से लगने वाला आग, खाना बनाने वाले तेल जैसे – सरसों, सूर्यमुखी आदि से लगने वाले आग।
- धातु संबंधी – इसमे धातुओं से बनी पदार्थ मे आग लगती है।
आग लगने के कारण
आग लगने के अनेको कारण है आग घरो मे, बाजारो मे, जंगलों मे और बिजली घरो मे कही भी लग सकती हैं।
- लोग घरो मे गैस पर खाना बना कर उसे बंद करना भूल जाते हैं।
- जब लोग कपड़ा प्रेस करती है तो कभी-कभी प्रेस को लगाकर भूल जाते हैं या उसे ज्यादा देर तक गर्म होने को लिये छोड़ देती है।
- कभी-कभी लोग हीटर के प्लग को बोर्ड मे लगाते हैं और ये नही देखते है कि उनका हीटर सही है कि नहीं। कभी -2 तो हीटर का जो स्प्रिंग लगा होता है, जिसमें से आग निकलता है वे स्प्रिंग सही है कि नहीं कभी-कभी ऐसा होता हैं कि स्प्रिंग ऊपर कि तरफ़ उठा रहता है, लोग ध्यान नहीं देते।
- जिनके घरों मे लोग सिगरेट, बीड़ी पिते है, बहुत लोगो कि आदत होती हैं सिगरेट पीकर उसे कही भी फेक देते है या कूड़ा – कचरा रखा रहता है उसमें फेंक देते हैं।
- गाँवों मे अक्सर लाइन (बिजली) सही से नही देते हैं, कभी-कभी रात मे बिजली के चले जाने से लोग दीपक (दिये) जलाकर उसे खिड़कियों पर रख देते है और खिड़की पर परदे लगे रहते है लोग दीपक को बुझाने के लिये भूल जाते हैं, जिससे आग लगने की सम्भावना बढ़ जाती है।
एक लापरवाही से कितने नुकसान होते है आइये जानते है।
- खाना बनाने के बाद जो लोग गैस को बंद करना भूल जाते हैं, जब कोई दूसरा व्यक्ति जाता है खाना बनाने, गैस पहले से निकलता रहता है, माचिस या लाइटर जलाते ही आग लग जाती है। क्योंकि गैस पहले से रूम मे फैला रहता है। अतः गैस इस्तेमाल के बाद उसे चूल्हे और रेगुलेटर दोनों जगह से बंद कर देना चाहिए।
- जो लोग प्रेस (IRON) लगाकर भूल जाते है उससे प्रेस ज्यादा देर तक गर्म (hit) हो जाता है। कभी-कभी प्रेस के ज्यादा देर तक गर्म होने पर प्रेस के तार में शार्ट-सर्किट हो सकता हैं। इससे किसी को बिजली तो लगेगा, साथ ही साथ आग भी लग सकता हैं।
- एक बार कि बात है मै गई हीटर पर खाना बनाने, मैंने हाथ मे कढ़ाई ले रखी थी। जैसे ही मैने कढ़ाई को हीटर पर रखा तुरन्त मुझे बिजली का झटका लगा और मेरे हाथ से कढ़ाई छुट कर निचे गीर गई। भगवान का लाख लाख शुक्र है की मेरी जान बच गयी। देखिये मेरे एक लापरवाही से बिजली का झटका लगा। इस घटना के बाद मैने देखा कि, जो हीटर मे स्प्रिंग लगा होता है वो स्प्रिंग ऊपर कि तरफ उठा हुआ था। जैसे ही मैने कढ़ाई उस पर रखा, स्प्रिंग से कढ़ाई संपर्क (Touch) हो गया। जिसके वजह से मुझे बिजली का झटका लग गया। आपको शायद यह पढ़ने में उतना भयावह न लगे, लेकिन मुझे और मेरे परिवार वालों को उस घटना ने कितना झकझोर दिया था, मै उसे शब्दों में बयाँ नहीं कर सकती।
- गाँव मे बिजली जाने के बाद जो लोग दीपक जलाकर किसी आलमारी या खिड़कियों के पास रख देते है और उसके आस -पास कोई वस्तु यानि कपड़ा, पर्दा या कोई वस्तु रखी होती है और वे भूल जाते है उसे बुझाने के लिये। किसी कारणवश वह दीपक कपड़ा या किसी वस्तु पर गिर जाता है और आग लग जाती है। या हवा चलने के कारण पर्दा दीपक से लग जाता है और आग लग जाती है।
कैसे करें बचाव
यदि हम गैस पर खाना बनाने के बाद उसको बंद कर दे और प्रेस को गर्म होने के बाद तुरन्त कपड़ा स्त्री करके बंद कर दे। हीटर को चेक कर के ही लगाये ताकी हीटर का स्प्रिंग सही है न, ऊपर कि तरफ उठा तो नहीं है। जो लोग सिगरेट पी कर उसे कही भी फेक देते है उसे बुझा कर फेंके या जहा कुछ न रखा हो और सुरक्षित जगह हो वहाँ पर फेंके। अगर हम कोई भी काम ध्यान मे रख कर करेंगे तो नहीं आग लगेगा, नहीं लाइन का झटका लगेगा।
कुछ आवश्यक बातें जो हमें हमेशा ध्यान मे रखना चाहिए।
- देखिये अगर कही घरों, बाजारों मे या कहीं भी लकड़ी, कचरा, कोयला या ठोस पदार्थ आदि इन सभी पदार्थ मे आग लगी हो तो, बुझाने के लिये पानी का उपयोग करना चाहिए।
- कभी-कभी गैसों से आग लग जाती है तो उस अवस्था मे उस पर पानी नहीं डालना चाहिए। क्योंकि उससे FIRE बढ़ सकती है, इसी से उस पर पानी नही बल्कि उस पर जूट कि बोरी से ढक कर बुझाई जा सकती है। पहले कोशिश करना चाहिए कि जो “रेगुलेटर नाब” से बंद करें या बालू, रेट से भी बुझाई जा सकती है।
- अगर बिजली से आग लगी हो तो तुरंत मेन स्विच के यहाँ से बिजली बंद करना चाहिए। याद रहे कभी भी बिजली से लगने पर पानी नही डालनी चाहिए, इससे बिजली और आग दोनों बढ़ सकती हैं। इस स्थिति में “फायर बुझाने वाले” को बुलाकर बुझाना चाहिए।
धन्यवाद !
मेरा नाम गीता मौर्या है। मैं कंप्यूटर बेसिक नॉलेज कोर्स से सर्टिफाइड हूँ। फिलहाल मै बीए कर रही हूँ।
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