हमारे देश मे डेबिट कार्ड को ATM Card के नाम से ज़्यादा प्रसिद्धि मिली है। हालाँकि Credit Card भी एटीएम कार्ड होता है, लेकिन डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड दोनों ही अलग होते है। इन दोनों मे काफी कुछ अंतर होता है। अर्थात डेबिट और क्रेडिट कार्ड इन दोनों को एटीएम कार्ड कहते है।
सन् 2018 खत्म होकर 2019 शुरू हो गया है। बैंकिंग आंकड़ों के मुताबिक हमारे देश भारत मे लगभग 100 करोड़ डेबिट कार्ड धारक हो गए है। जो की पिछले कुछ सालों के आंकड़े के हिसाब से बहुत ही ज़्यादा तरक्की हुयी है। वैसे देखा जाये तो इन आँकड़ो के पीछे नोट बन्दी का एक अहम भूमिका है। हो भी क्यूँ न भाई हम कम्प्युटर की दुनिया, डिजिटल दुनिया मे जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
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डेबिट कार्ड की परिभाषा
डेबिट कार्ड एक (85.6 X 53.98) Sq. mm. मे प्लास्टिक का कार्ड होता है। जो कुछ खास तकनीक द्वारा ऐसे बनाया जाता है, जिसके सहायता से हम बिना कॅश या चेक के बिना एटीएम मशीन से पैसा निकाल सकते है और घर बैठे या फिर कही भी ऑनलाइन ख़रीदारी के लिए इलेक्ट्रॉनिक रूप से अपने बैंक अकाउंट से पैसा ट्रान्सफर कर सकते है।
ध्यान दें : डेबिट कार्ड की सहायता से आप जितना भी पैसा एटीएम मशीन से निकालना चाहते है या फिर जितने का ख़रीदारी करना चाहते है उतना या उसके ज़्यादा पैसा आपके अकाउंट मे होना आवश्यक होता है।
कैसे डेबिट कार्ड काम करता है ?
यह कैसे काम करता है? यह जानने से पहले यह जानना ज़रूरी है की, डेबिट कार्ड के वो कौन कौन से खास पॉइंट होते हैं, जिनका हर एक तरह के लेन देन के लिए इस्तेमाल होता है। निम्नलिखित मे वो पॉइंट्स हैं जिनकी बात मै कर रहा हु।
- डेबिट कार्ड नंबर,
- expiry डेट,
- कार्ड पिन नंबर,
- सीवीवी नंबर,
- अंक लेटर ग्रिड,
- वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) और
- काली रंग की मैग्नेटिक पट्टी।
जब हम एटीएम मशीन या स्वाइप मशीन से लेन देन करते हैं, तब हमे डेबिट कार्ड को उस मशीन मे स्वाइप करना पड़ता है और उस दौरान मशीन उस डेबिट कार्ड मे लगे मैगनेटिक पट्टी की सहायता से आपकी बैंक के सभी ज़रूरी जानकारी को ले लेता है तथा आपसे आपके कार्ड के पिन को डालने की अनुमति मांगता है। पिन डालने के बाद लेन देन की प्रक्रिया सम्पन्न हो जाती है।
ऑनलाइन लेन देन की प्रक्रिया (जैसे कोई सामान खरीदने या फिर किसी तरह के रीचार्ज) को पूरा करने के लिए डेबिट कार्ड के कार्ड नंबर, expiry डेट, ओटीपी, सीवीवी, अंक लेटर ग्रिड और पिन नंबर की ज़रूरत पड़ती है। इन्हे ऑनलाइन माँगी गयी ज़रूरी स्थानो पर सही सही भरना पड़ता है, जीनमे से कार्ड पिन नंबर और ओटीपी को छोड़कर सारी जानकारी debit card पर मिल जाती है।
सीवीवी, अंक लेटर ग्रिड debit card के पीछे होता है तथा कार्ड नंबर, expiry डेट आगे होता है।
डेबिट कार्ड के प्रकार
हमारे देश मे निम्नलिखित 5 डेबिट कार्ड्स सबसे ज़्यादा इस्तेमाल किए जाते है।
रुपे – RuPay डेबिट कार्ड : इस कार्ड का भारत सरकार ने एन.पी.सी.आई. (नेशनल पेयमेंट्स कार्पोरेशन ऑफ इंडिया) द्वारा सन् 2012 मे दिनांक 12 मार्च को सुभारंभ किया था। भारत मे ज़्यादातर सभी ईलेक्ट्रानिक लेन देन इंटरनेशनल के बजाय डोमेस्टिक होती हैं। इस बात को मद्दे नज़र रखते हुये भारत सरकार रुपे कार्ड आरंभ किया, ताकि भारतीय लोग विदेशी कंपनियों के कार्ड (जैसे – visa, mastercard आदि) के फालतू चार्ज से बच सके। और जो भी चार्ज उनको जाता है, वो भारत मे रहे।
वीजा – Visa Debit Card : यह कार्ड भारत मे मुख्य रूप से सबसे ज़्यादा इस्तेमाल किया जाता है। पूरे विश्व मे वीजा कार्ड प्रख्यात है। यह यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका की कंपनी है।
मैस्ट्रो – Maestro Debit Card : icici बैंक इस कार्ड का इस्तेमाल नहीं करते है। भारत मे इस कार्ड का भी इस्तेमाल बहुत सारे बैंको द्वारा किया जाता है। यह कार्ड मास्टरकार्ड के मलकाने के अंतर्गत आती है।
कांटैक्टलेस – Contactless Debit Card : भारत मे लगभग 50 फीसदी लेन देन 2000 रुपये से कम के होते है। आरबीआई के नियम के अनुसार ऐसे लेन देन बिना कार्ड के पिन के हो सकता है। इसी लिए Contactless Debit Card को बनाया गया। यह कार्ड बहुत से बैंको द्वारा मुहैया करवाया जाता है। इस कार्ड द्वारा लेनदेन बहुत तेज होता है।
मास्टरकार्ड – MasterCard Debit Card: दुनिया भर मे बहुत ही ज़्यादा इस्तेमाल की जाने वाली कार्ड है mastercard कार्ड। इस कार्ड का इस्तेमाल विदेशों मे कर सकते है।
क्या – क्या डेबिट कार्ड के फायदे हैं ?
इसके दो मुख्य फायदे है जो आपकी सभी जरूरतों मे शामिल हो जाता है।
- आपको जब कभी पैसे की ज़रूरत पड़ती है तो आपको अपने ब्रांच जाने की जरूरत नहीं है। आप पूरे देश मे कही भी अपने नजदीकी किसी भी एटीएम मे जाकर पैसा निकाल सकते है।
- किसी भी ख़रीदारी के लिए आपको चेक या कैश की कोई ज़रूरत नहीं। आप आराम से इस कार्ड की सहायता से ऑनलाइन पेमेंट कर सकते है।
इन दोनों के अलावा, डेबिट कार्ड के होने से अपको हमेशा पैसे लेकर घूमने या रखने की ज़रूरत नहीं है।
पैसा खो जाने या चोरी हो जाने से आप कुछ नहीं कर सकते है। लेकिन इसके इस्तेमाल करने से आप इन समस्याओं से बच सकते है। अगर कार्ड खो या चोरी हो भी जाती है तो आप इसे आराम से कस्टमर केयर या अपने नजदीकी बैंक जाकर बंद करवा सकते है। जिससे आपका पूरा पैसा सुरक्षित रहेगा।
ज़रूरी सावधानियाँ डेबिट कार्ड के लिए !
- अपने Debit Card के पिन को हमेशा सुरक्षित रखे। किसी भी दूसरे व्यक्ति को अपना पिन न बताएं।
- ऑनलाइन लेनदेन करते समय केवल और केवल Secure वैबसाइट पर लेनदेन करें।
- कार्ड को ऐसे ही किसी को ना दें, क्यूंकी बिना पिन के भी धोखाधड़ी हो सकती है।
- कार्ड से संबन्धित आपके मोबाइल पर आई हुयी ओटीपी को किसी से भो सांझा न करे। इस्तेमाल के बाद तुरंत इसे डिलीट कर दें।
- आपके बैंक मे पंजीकृत मोबाइल नंबर का सिमकार्ड को किसी को न दें। ध्यान रहे, अगर आपका debit card और आपका पंजीकृत मोबाइल नंबर का सिम किसी के हाथ लग गया तो, बिना पिन नंबर के भी चोरी हो सकती है।
सही और गलत तथ्य Debit Card के बारे में !
इसके जितने फायदेमंद है, उतना ही आपको इसे ध्यान से इस्तेमाल करने की ज़रूरत भी होती है, जैसा की आपने ऊपर पढ़ा।
इसका इस्तेमाल अगर गलती से भी गलत हो गया तो आपको नुकसान हो सकता है। मेरे कहने का मतलब यह है की, इसका इस्तेमाल अंक और शब्द के माध्यम से होता है। अर्थात ऑनलाइन या ऑफलाइन यानी एटीएम मे अगर आप कोई अंक या शब्द गलत भरते है तो आपका पैसा किसी गलत अकाउंट मे जा सकता है।
एटीएम मशीन या ऑनलाइन 2 से अधिक बार गलत कार्ड के पिन को डालने से आपका कार्ड ब्लॉक हो सकता है। अब ऐसा करना बैंक का आपके प्रति सुरक्षा होता है। क्यूंकी कार्डधारक यानि आप खुद, गलत पिन या कोई भी ज़रूरी नंबर या शब्द गलत तो नहीं भरेंगे। ये काम कोई दूसरा व्यक्ति चोरी करने के लिये कर सकता है, जिसको आपके कार्ड के बारे मे जानकारी न हो।
तो कैसी लगी आपको यह जानकारी, मै उम्मीद करता हूँ की आपको डेबिट कार्ड के बारे मे बेहतरीन जानकारी मिली होगी। यह लेख पढ़ने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया !
अगर आपके दिमाग मे कोई सवाल या परेशानी चल रही हो तो, आप हमे कमेंट कर बताएं। हम जल्द से जल्द आपको जवाब देने की कोशिश करेंगे।