दोस्तों हम सबको पता है की कही न कही आज के दौर में बिना इन्टरनेट के रहना बड़ी ही मुश्किल की बात है। लेकिन शुक्र है “इन्टरनेट सर्विस प्रोवाइडर (ISPs)” की, जिनके वजह से हम बहुत सारे काम घर बैठे बड़े ही आसानी से कर पाते हैं।
विषय - सूची
परिभाषा (Definition)
इन्टरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स एक तरह की ऑनलाइन सर्विस देने वाली कंपनियां होती हैं। जिनके ज़रिये इन्टरनेट पर इस्तेमाल की जाने वाली हर चीज़ से सम्बंधित सभी तरह की सुविधाओ का लाभ उठा सकते हैं।
जैसे – ईमेल (जैसे जीमेल, याहू, ऑर्कुट आदि), यूट्यूब चैनल पर विडियो देखना, ऑनलाइन विडियो देखना, ऑनलाइन एक जगह से दुसरे जगह बातें करना, वेब ब्राउज़िंग, डाटा का स्थानांतरण इत्यादि।
अलग अलग ISPs कंपनियों द्वारा बहुत तरह की ऑनलाइन सेवाएँ प्रदान की जा सकती हैं। जैसे – इन्टरनेट सेवा, इन्टरनेट ट्रांजिट, यूजर्स नेटवर्क सर्विस, कोलोकेशन, डोमेन नाम पंजीकरण और वेब होस्टिंग इत्यादि।
इन्टरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स व्यावसायिक, लाभ निरपेक्ष, सामुदायिक या फिर व्यक्तिगत इनमे से किसी भी तरह के हो सकते है।
इन्टरनेट सर्विस प्रोवाइडर का इतिहास
जब इन्टरनेट का सार्वजनिक और व्यावसायिक रूप से इस्तेमाल भविष्य के लिए एक वरदान माना जा रहा था। तब उसी समय सन् 1989 में पहली ISP यानी “इन्टरनेट सर्विस प्रोवाइडर” की स्थापना ऑस्ट्रेलिया तथा यूनाइटेड स्टेट ऑफ़ अमेरिका में हुयी थी।
भारत में सबसे पहले इन्टरनेट की सेवा सार्वजनिक तौर “विदेश संचार निगम लिमिटेड (VSNL)” ने 14 अगस्त 1995 से प्रदान करना शुरू की थी। अर्थात “विदेश संचार निगम लिमिटेड (VSNL)” भारत की पहली इन्टरनेट सर्विस प्रोवाइडर कंपनी थी।
इन्टरनेट सर्विस प्रोवाइडर कितने प्रकार के होते हैं ?
इन्टरनेट सर्विस प्रोवाइडर (Internet Service Provider) सामान्यतः 7 प्रकार के होते हैं।
(1) इन्टरनेट एक्सेस प्रोवाइडर्स :
इन्टरनेट एक्सेस प्रोवाइडर्स ” अपने ग्राहकों को इन्टरनेट कनेक्शन में बेहतर सुविधा देने के लिए ब्रॉडबैंड अथवा डायल-अप, डिजिटल सब्सक्राइबर लाइन (DSL), फाइबर ऑप्टिक सर्विस (FiOS), केबल मॉडेम या इंटीग्रेटेड सर्विसेज डिजिटल नेटवर्क (ISDN) और सॅटॅलाइट (Satellite) जैसे बेहतर तकनीक का इस्तेमाल करते हैं। अपने ग्राहकों के और अधिक मांग को ध्यान में रखते हुए ईमेल और होस्टिंग सेवा, उच्च गति का DSL तथा तुल्यकालिक ऑप्टिकल नेटवर्किंग (SONET) का भी इस्तेमाल करते हैं।
(2) मेलबॉक्स ISPs :
ऐसी कम्पनी होस्टिंग डोमेन मेलबॉक्स मेल प्रदान करती हैं। साथ ही साथ ईमेल सेवा भी प्रदान करती है ताकि ईमेल भेज सके तथा प्राप्त, स्वीकार और इकट्टा भी कर सकें।
(3) होस्टिंग ISPs :
होस्टिंग ISPs कंपनियां ईमेल सेवा, वेब होस्टिंग सेवा, वर्चुअल सर्वर, क्लाउड अथवा भौतिकीय सर्वर सेवाएँ प्रदान करती हैं।
(4) ट्रांजिट ISPs :
ट्रांजिट ISPs को ग्राहक जब इन्टरनेट के लिए भुगतान करते हैं। तब उसी दौरान ये प्रोवाइडर्स इन्टरनेट सेवा ज़ारी रहने के लिए अपने से ऊपर वाले इन्टरनेट सर्विस प्रोवाइडर को भुगतान करते हैं।
(5) वर्चुअल ISPs :
वर्चुअल इन्टरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स ऐसी कंपनिया होती हैं। जो ग्राहकों को इन्टरनेट सर्विसेज अपने खुद के ब्राण्ड या कंपनी नाम से प्रदान करती हैं। लेकिन वास्तविक रूप से ग्राहकों को दी जा रही इन्टरनेट सर्विस की हर एक उपकरण और सुविधाएँ किसी दुसरे “इन्टरनेट सर्विस प्रोवाइडर” का इस्तेमाल करते हैं।
(6) फ्री ISPs :
फ्री इन्टरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स ग्राहकों को अपनी सेवा मुफ्त में देते है। हालांकि इसके लिए फ्री ISPs कंपनिया ग्राहकों को विज्ञापन दिखाते हैं।
(7) वायरलेस ISPs :
वायरलेस इन्टरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स एक तरह के “बिना तार वाले नेटवर्क प्रणाली (WIRELESS NETWORKING SYSTEM)” से सेवा प्रदान करते हैं। वायरलेस ISPs अपने ग्राहकों को Wi-Fi जैसे वायरलेस कनेक्शन के ज़रिये Hotspot के माध्यम से अपने सर्वर से जोड़ता है। भारत के कुछ वायरलेस ISPs कंपनी जैसे – एयरटेल, वोडाफोन, रिलायंस, आईडिया, बी.एस.एन.एल., टाटा डोकोमो इत्यादि।
एक बेहतर इन्टरनेट सर्विस प्रोवाइडर का चुनाव कैसे करें ?
आपके आस-पास बहुत सारे इन्टरनेट सर्विस प्रोवाइडर मिल जायेंगे। लेकिन सवाल यह है की बेहतर ISP का चुनाव कैसे करें। निम्नलिखित में कुछ तथ्य है जिनको ध्यान में रखकर सही ISP का चुनाव कर सकते हैं।
- ISP द्वारा सुरक्षा (Security) बहुत ज़रूरी है, जैसे ” यूजर आई.डी. और पासवर्ड ” का इस्तेमाल हो।
- यह भी मालूम करें की ISP एन्क्रिप्शन और SSL सर्टिफिकेट का इस्तेमाल करती है या नहीं। हर ISP को इनका इस्तेमाल करना आवश्यक होता है।
- ISP का अपना एक “गोपनीयता निति (PRIVACY POLICY)” होना आवश्यक है। ताकि ग्राहकों को यह मालूम पड़े की उनकी इन्टरनेट एक्सेस की जानकारी को ISP द्वारा कैसे इस्तेमाल किया जाता है।
- इन्टरनेट की स्पीड और सेवा (Speed and Service) कैसी है, इस बात की जाँच पड़ताल ज़रूर कर लें।
- आप जो भी इन्टरनेट सेवा इस्तेमाल करना चाहते हैं, उस हिसाब से इन्टरनेट का दाम सही है या गलत। इस बात की जाँच पड़ताल ज़रूर कर लें।
- इन्टरनेट सर्विस प्रोवाइडर “ग्राहक और तकनीक समर्थन” (Customer and Technical Support) भरोसे के लायक होना ज़रूरी है। जैसे अगर कभी कोई इन्टरनेट ख़राब या बंद होने से सम्बन्धित परेशानी हुयी तो कस्टमर केयर सुविधा 24/7 होना आवश्यक हो। और उसे ठीक करने से सम्बंधित टेक्निकल कस्टमर सुविधा फ़ोन के माध्यम से मदद करें तथा ज़रूरत पढ़ने पर ज़ल्द से ज़ल्द आपके घर या ऑफिस आकर ठीक करें।
धन्यवाद !
Mera ISP to bada bekar hai kabhi achhi speed aati hai aur kabhi nhi aati hai
Ashraf The Great is happy with you
Good. I am impress this article, superb and thank you mujhe apka articte bahut acchha kaga
Dhanywad Durga Ji!
Topic study K liye help ful hai thanks alot
Aarti JI, Comment karne ke liye bahut bahut shukriya!!
bahut achchhi jankari aapne internet ki di hai
Agr ye kisi lawyer k bare m btata h to kya wo jankari shi deta h.inter net pr jiske bare m batata h agr hm unko apne kisi case ke liye hire kre to kya wo shi hota h
Deepmala Ji, कमेंट करने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया..
सही भी हो सकता है और गलत भी, क्यूंकि इंटरनेट पर कोई भी स्वतंत्र रूप से कुछ भी किसी के बारे मे या अपने बारे मे डाल सकता है। इसीलिए किसी LAWYER या किसी स्पेशलिस्ट को ऑनलाइन HIRE करने से पहले उसके सभी “व्यावसायिक योग्यता (Professional qualification)”, अनुभव (experience), उनके कुछ क्लाईंट के बारे मे पुछे, इत्यादि के बारे मे जाँच-पड़ताल ज़रूर करें।
मै आशा करता हूँ की आपको मेरी जानकारी उपयोगी साबित होगी आपके लिए!
Thanks (sahi aur galat) its really helpful to me
केशव कुमार जी नमस्कार !
हमारी लेख आपके लिए सहायक पूर्ण लगी, इसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद आपको, कमेंट करने के लिए शुक्रिया !