इसे इंग्लिश मे liquid कहते हैं। यह ‘द्रव्य (Matter)’ का एक प्रकार है। द्रव एक ऐसा पदार्थ है जिसके बिना हर एक जीव जन्तु का जीवन अधूरा हैं। मानव जीवन मे तो इसका स्थान बहुत ही ऊँचा हैं।
ध्यान रखें : द्रव और द्रव्य, दोनों अलग अलग शब्द हैं। भौतिक विज्ञान की परिभाषा मे सभी liquid को तरल (Fluid) कहते है, लेकिन सभी तरल को liquid नही कहते हैं।
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द्रव की परिभाषा
“एक ऐसा पदार्थ जिसका कोई आकार नही होता, लेकिन आयतन होता है, उसे द्रव कहते हैं। यह जगह के हिसाब से स्वतंत्र रूप से बह सकता है। अर्थात इसे जिस आकार के बर्तन मे रखेंगे, उस आकार का रूप ले लेता है।”
उदाहरण : दूध, पानी, पारा, खून, पेशाब, शराब, खनिज तेल आदि।
इसके अणु, ठोस के मुक़ाबले बहुत ही कम आपस मे बधे हुये होते है। इसी लिए जब किसी द्रव को इतना गर्म किया जाये की वो अपने ‘क्वथनांक (boiling point)’ तापमान पर पहुच जाये तब, इनके परमाणुओं के बीच की ‘ससंजक बल (cohesive force)’ टूट जाती हैं, नतीजन ये गैस का रूप लेकर उड़ने लगते हैं।
और जब इसे इसके ‘गलनांक (freezing point)’ तापमान तक ठंडा करते है, तब ये ठोस अवस्था का रूप ले लेते हैं।
द्रव के 5 प्रकार
- निलंबन (Suspension) : कुछ ऐसी द्रवे होती हैं, जिनमे बहुत छोटे छोटे विलायक के रूप मे ठोस कण होते हैं। ये आम तौर पर प्रकृति मे कम पाया जाता है। लेकिन कृतिम रूप मे बहुत देखने को मिल सकता है। जैसे – दवाओं के दुकान पर ‘सिरप – syrup’। इसे ज्यादे देर के लिए रख देने पर ठोस कण, शीशी के निचले सतह मे बैठ जाते हैं। इसी लिए डॉक्टर बोलते हैं, इस्तेमाल करने से पहले इसे ज़ोर से हिलाएँ।
- विलयन (Solutions) : जब किसी विलायक मे कोई पदार्थ ऐसे मिक्स करते है, की वो पदार्थ पूर्णतया घुल कर अदृश्य हो जाता है यानी आण्विक स्थान मे विलीन हो जाता है, तो उसे विलयन liquid कहते है। जैसे – चीनी को पानी (विलायक) मे मिलाने पर बना शर्बत।
- वायु मिश्रण (Aeration) : ठंडे कोलड्रिंक, सोडा आदि मे आपने बुलबुले देंखे होंगे, ये वायु मिश्रण द्रवों का एक रूप है। गैस इन तरल पदार्थ मे फसे हुये होते है। इन्हे ही Aeration liquid कहते हैं।
- विलायक (Solvents) : प्रकृति मे पाये जाने वाले असली द्रवों का भंडार ही विलायक द्रव कहलाता है। ये असल मे अणु से बने हुये होते है। जैसे – पानी, खनिज तेल आदि।
- पायस (इमल्शन) (Emulsions) : दो या दो से अधिक तरल पदार्थो का मिश्रण, जो की सामान्य रूप मे अमिश्रणीय होते हैं। पायस यानी इमल्शन liquid होते हैं। जैसे – विनैग्रेट्स, होमोजिनाइज्ड मिल्क आदि। जब हमारे हाथ पर कोई तेल लगा रहता है, तो इसे हम ऐसे ही केवल पानी से नहीं साफ कर पाते है। लेकिन जैसे ही साबुन लगाते है, वैसे ही तेल हाथ से छुट जाता है। अर्थात साबुन, पानी को तेल के साथ पायस बनाता है और हाथ से
- निकालने मे सहायता करता है।
लेख पढ़ने के लिए धन्यवाद !