
स्वर को अंग्रेजी में vowel कहते हैं। स्वर और व्यंजन दोनो ही वर्णमाला के अंग हैं। शब्द की उत्पत्ति स्वर और व्यंजन से होती है। दो या दो से अधिक शब्दों के मेल से वाक्य की उत्पत्ति होती है।
विषय - सूची
स्वर की परिभाषा
जो ध्वनियाँ स्वतंत्र रूप से बोली जाती है, उसे स्वर कहते है। जैसे – अ, ई, ऐ आदि।
स्वरों की संख्या
मुख्य रूप से स्वरों की संख्या 11 होती है। परंतु अनुस्वर अं तथा विसर्ग अः के निज आ जाने से इनकी कुल संख्या 13 हो जाती है।
अतः कुल स्वर – अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ, अं, अः
स्वर वर्ण के प्रकार
यह निम्नलिखित तीन प्रकार के होते है
- हृस्व (Short Vowel)
- दीर्घ (Long Vowel)
- फ्लुत (Pratracted Sound Vowel)
हृस्व स्वर
जिन वर्णो के उच्चारण में 1 मात्रा का समय लगता है, उन्हें हृस्व स्वर कहते है। उदाहरण – अ, इ, उ, ऋ
- हृस्व स्वरों की उत्पत्ति किसी अन्य स्वरों के मेल से नही होता है, इसीलिए इसे मूल स्वर भी कहा जाता है।
- पद्य की भाषा में हृस्व स्वरों के लिए एक पाई [ लघु (।) ] का प्रयोग करते हैं।
दीर्घ स्वर
जिन स्वरों के उच्चारण में 2 मात्रा का समय लगता है, उन्हें दीर्घ स्वर कहते है। इस तरह के स्वरों की उत्पत्ति दो स्वरों के मेल से होता है।
उदाहरण – आ (अ+अ), ई (इ+इ), ओ (अ+उ)
- ए, ऐ, ओ, औ को संयुक्त स्वर भी कहा जाता है।
- पद्य की भाषा में दीर्घ स्वरों के लिए दो पाई [ गुरु (S) ] का प्रयोग होता है।
फ्लुत स्वर
इस तरह के स्वरों के उच्चारण में हृस्व स्वरों के मुकाबले 3 गुना समय लगता है। इन स्वरों का प्रयोग किसी को दूर से पुकारने के लिए किया जाता है।
इसका प्रयोग नाटक, रामलीला, रासलीला तथा विज्ञापन में किया जाता है।
इन स्वरों को प्रकट करने के लिए, हृस्व और दीर्घ के बाद हिंदी भाषी तीन (३) के अंक को लिखा जाता है। निम्नलिखित उदाहरण से समझिये
- हे राम ३, इधर आओ
- हे प्रभु ३
- ओ३म
- राम रे ३
मैं उम्मीद करता हूँ की, आपको आज का ज्ञान अच्छे समझ में आ गया होगा। इस विषय पर आपको कोई प्रश्न हो तो कमेंट ज़रूर करें, हम जल्द से जल्द उत्तर देने की प्रयास करेंगे।
धन्यवाद !
sundar prastuti