आपने कभी सोचा है अगर light नही रहता तो हमारे जीवन का क्या होता ? हमारे आँख का रहने का कोई मतलब ही नही रहता। क्योंकि प्रकाश के बिना हमे कुछ नही दिखता। हर जगह अंधेरा ही अंधेरा रहता। हम सभी एक दूसरे को नही देख पाते नही हमे कोई वस्तु दिखती। light से हमे लाभ-हानि दोनों होता है। सूर्य के प्रकाश से हमे गर्मी होती है। और सर्दियों में हमे धूप से लाभ होता है। सूर्य के light से पेड़-पौधे को भोजन व उनका विकाश होता है। हमे उनसे ऑक्सीजन मिलता है।
विषय - सूची
भौतिकीय प्रकाश की परिभाषा
किसी वस्तु को देखने के लिए प्रकाश का होना जरूरी है। जैसे एक अंधेरे कमरे में कोई वस्तु देखना है, तो light के बिना नही देख सकते। हमारी आँख तो खुली रहेगी मगर कुछ दिखेगा नही। light एक विघुत चुम्बकीय विकिरण है। जिसके सहायता से हम किसी वस्तु को देख पाते है। अतः light वह भौतिकी साधन है, जिसके द्वारा हम संसार के जीव-जन्तु मनुष्य या दुनिया के हर एक वस्तु को देख पाते है। वैज्ञानिक सन्दर्भ में किसी भी तरंग दैर्ध्य के विकिरण को हम light (भौतिकीय प्रकाश) कहते है।
तो चलिए हम भौतिकीय प्रकाश के बारे में अच्छे से समझते हैं।
क्या आपको पता है, की हमारे संसार में कुछ ऐसी भी प्रकाशित वस्तु है जो खुद light देती है। और कुछ दूसरे के प्रकाश होने पर दिखती है। आइये जानते है, की कौन सी वस्तुये light उत्पन करती है और कौन सी नही इन्हें हम क्या कहते है।
1. प्रदीप्त वस्तुएँ – Luminous Bodies
जो वस्तुए अपने प्रकाश को बाहर प्रकाशित या उत्पन करती है, उन्हें प्रदीप्त वस्तुये कहतें है। जैसे- सूर्य, मोमबत्ती, लालटेन, जलता हुवा कोयला और विघुत बल्ब आदि।
2. अदीप्त वस्तुएँ – Non- Luminous Bodies
जो वस्तुए अपने light को उत्पन नही करती या स्वयं प्रकाशित नही होती। बल्कि दूसरे के प्रकाश के होने पे दिखती है, उन्हें अदीप्त वस्तुये कहते है। जैसे- चंद्रमा, पृथ्वी, मेज, कुर्सी आदि।
प्रकाश के प्रकार – Types of light
हमे पता है, की light क्या है। लेकिन ये नही मालूम है, की प्रकाश से तीन प्रकार की किरणे निकलती है। जो की नीचे निम्नवत है।
1. पराबैंगनी किरणें – Ultraviolet rays
ये किरणे एक प्रकार का विघुत चुम्बकीय विकिरण है। पराबैंगनी विकिरण, पराबैंगनी प्रकाश का दूसरा नाम है। जिनकी तरंग दैर्ध्य प्रत्यक्ष प्रकाश से कम और कोमल एक्स किरण से ज्यादा होती है। सूर्य के light से 10% पराबैंगनी किरणें निकलती है।
2. अवरक्त किरणें – Infrared rays
विघुत चुम्बकीय तरंग के वर्णक्रम (स्पेक्ट्रम) में यह मानव द्वारा दर्शन योग्य लाल वर्ण के नीचे (कम) होता है। इसी लिए इसका नाम अधोरक्त पड़ा या अवरक्त किरण भी कह सकते है। इसका तरंग दैर्ध्य 700 nm (नैनोमीटर) और 1 mm (मिलीमीटर) के बीच होता है। सूर्य के प्रकाश से 50% अवरक्त किरणे निकलती है।
3. दृश्य किरणें – Visible rays
दृश्यमान स्पेक्ट्रम, विघुतचुम्बकीय स्पेक्ट्रम का वह भाग है, जो हमारे आँख को दिखाई देता है। तंरग दैर्ध्य की इस क्रम या श्रेणी में विघुतचुम्बकीय विकिरण को ही दृश्य किरणे कहते है। सूर्य के प्रकाश से 40% दृश्य किरणे निकलती है।
प्रकाश के गुण यानी विशेषताएं -Characteristics of Light
- लाइट सीधी रेखा में गति करता है।
- यह विघुत चुम्बकीय तरंगों के रूप में चलता है।
- इसकी किरणे स्त्रोत से एक साथ सभी दिशाओं में निकलता है।
- अवरोक्त प्रकाश का तरंग दैर्ध्य 700 nm और 1 mm के बीच होता है।
- Light की गति 299, 792, 458 मीटर प्रति सेकंड है।
प्रकाश से लाभ और हानि – Gain and loss from light
क्या आप ने कभी सोचा है, की हमे सूर्य के light से लाभ के साथ हानि भी होता है। light हमारे शरीर लिए फायदेमंद के साथ-साथ नुकसान भी करता है। तो चलिए जानते है, की क्या नुकसान और फायदा होता है।
लाभ – Gain
प्रकाश का हमारे दैनिक जीवन में बहुत ही उपयोगी है। light के सहारे हम किसी बस्तु को देख पाते है। और किसी वस्तु को ढूढने में सहायता मिलती है। प्रकाश संश्लेषण की क्रिया से पेड़-पौधे कार्बनडाई आक्साइड (Co2) को ग्रहण करते है। और आक्सीजन को छोड़ते है। जो समस्त जीव-जन्तु और मनुष्य इसे ग्रहण करते है।
सूर्य के light से विटामिन ‘D‘ निकलता है, जो हमारे शरीर के लिए बहुत ही लाभदायक है।
हानि – Loss
लंम्बे समय तक धूप में रहने पर त्वचा पर झुर्रिया पड़ जाती है।
आँखो को सूरज की पैराबैगनी किरणें के सम्पर्क में आने से रेटिना को नुकसान पहुचता है। जिससे मोतियाबिंद होने की सम्भावना हो जाती है।
रात के समय कृत्रिम light सेे मनुष्य स्वास्थ पर बुरा असर पड़ता है। और इससे नींद की बीमारी, स्तन, मधुमेह आदि बीमारी हो सकती है।
प्रकाश के स्रोत – Light source
कुछ ऐसी भी स्त्रोत है, जो की प्राकृतिक तो कुछ मनुष्यो के द्वारा बनाई गयी है। भले ही इनको दो वर्गों में बाटा गया हो, लेकिन इनके स्रोत light के स्त्रोत है। सूर्य का light, लालटेन, दीपक और विघुत बल्ब ये स्वयं light उतपन्न करती है। लेकिन जब लालटेन और दीपक को हम जलायेगे तभी ये प्रकाश देगी। और विघुत बल्ब को जलाने के लिए विजली का होना जरूरी है। लेकिन सूर्य को न जलाने की जरूरत पडती है न उत्पन्न करने की। ये प्रकृतिक की देन है। तो चलिए जानते है, इन स्त्रोत बारे में।
1. प्राकृतिक प्रकाश के स्रोत – Natural light source
कुछ light प्राकृतिक प्रकाश है, जो इस पूरे बृह्मांड में प्राकृतिक रूप से विघमान है। light के स्रोत है, जैसे सूर्य, जुगनू, तारे आदि।
2. कृतिम प्रकाश के स्रोत – Source of artificial light
कुछ ऐसी light है, जो मनुष्यों ने इसका निर्माण किया है। जिन्हें हम कृतिम प्रकाश कहते है। जैसे विघुत, बल्ब, मोमबत्ती, आदि।
प्रकाश के माध्यम – Medium of light
Light जिस पदार्थ से होकर जाता या गमन करता है, उस अवस्था को प्रकाशिक माध्यम कहते है।
जब सूर्य का light निकलता है तो ये तीन माध्यमों से होकर जाता है। तो चलिए जानते है, की किस अवस्था में ये कैसे गुजरता है।
1. पारदर्शक माध्यम – Translucent Medium
जिस माध्यम से light का आधा भाग आर-पार चला जाता है, उसे पारदर्शक माध्यम कहते है। जैसे जल, वायु, काँच इत्यादि।
जब सूर्य का प्रकाश किसी वस्तु में इस तरह जैसे कोई एक काँच ले जिसमे देखने पर उस पार का दृश्य हमे साफ दिखता हो। उसमे light इस पार से उस पार चला जाएगा। सरल भाषा में कह सकते है, की जिस पदार्थ में हमे साफ तरीके से उस पार का दृश्य दिखे उसमे सूर्य का light आसानी से उस पार चला जाता है।
2. पारभासक माध्यम – Transmitting Medium
जिस माध्यम से प्रकाश का कुछ ही भाग आर-पार चला जाता है, उसे पारभासक माध्यम कहते है। जैसे कागज में लगा तेल और घिसा हुवा काँच इत्यादि।
एक कागज में लगा तेल ले, और उसमे देखे light स्पष्ट रूप से नही बलकि धुँधला दिखाई देता है। यानी सूर्य का light का कुछ ही भाग कागज के इस पार आ पायेएगा। क्योंकि कागज में या घिसा हुवा काँच में सही तरीके से उस पार का दृश्य दिखता नही है।
3. अपारदर्शक माध्यम – Opaque Medium
जिस पदार्थ से प्रकाश आर-पार नही निकल पाता है, उसे अपारदर्शक माध्यम कहते है। जैसे लकड़ी, मेज, कुर्सी आदि।
लकड़ी या मेज इसमें सूर्य का light इस पार से उस पार नही जा पायेगा क्योंकि ये ठोस पदार्थ है।
प्रकाश किरण क्या है – What is ray of light
Light की किरणे सीधी रेखा में होती है। जब किसी समांग माध्यम में light एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक जिस ऋजु लाइन के रास्ते से होकर जाता है, उसे light की किरणे कहते है। जब light की किरणे एक ही साथ दिशा में जाती है, तो उस समूह को प्रकाश पुंज कहते है।
प्रकाश पुंज के प्रकार – Types of light beam
अब आप सोच रहे होंगे की प्रकाश किरण और प्रकाश-पुंज में क्या अंतर है। सिर्फ एक अच्छर का अंतर है। light की किरणें के समूह को हम light पुंज कहते है। इन दोनों के जो प्रकार है, वो एक ही है। तो चलिए इनके प्रकार के बारे में जानते है। इनको तीन वर्गो में बाटा गया है।
1. अभिसारी प्रकाश पुंज – Convergent Light
जब light की किरणे एक बिंदु पर आकर मिलती है, तो उसे अभिसारी प्रकाश पुंज कहते है।
जब एक अंधरे कमरे में टार्च जलाते है, तो टार्च की light जा कर एक बिन्दु पर दिखती है। या किसी कुवे में जब टार्च जलायेगे तो light एक जगह गोल के आकर में दिखेगा।
2. अपसारी प्रकाश पुंज – Divergent Light
जब light की किरणे एक बिंदु स्रोत से निकलकर फैलती है, तो उसे अपसारी किरणे कहते है।
सूर्य की किरणे एक साथ सभी दिशाओं में निकलती है। और पूरे विश्व में जाकर फैल जाती है। जब घर में कोई दीपक जलाते है, तो प्रकाश की किरणे एक साथ पूरे घर में फैल जाती है।
3. समांतर प्रकाश पुंज – Parallel Light
इसमें सभी प्रकाश की किरणे एक दूसरे के बराबर होती है, उसे समांतर किरणे कहते है।
जहा तक मेरा अनुमान है, की समांतर किरणे जब अपने स्त्रोत से एक साथ निकलती है, तो उनकी किरणे एक दूसरे के समांतर होती है। ऐसा नही है की वे टेड़े मेंडे निकलती है या कुछ दूर बाये चलती है तो कुछ देर दाये मुड़ जाती है। हमेशा किरणे सीधी रेखा में चलती है।
प्रकाश की गति – Speed of light
निर्वात में light की गति (3 × 10^8) मीटर/सेकेण्ड होता है, लेकिन वर्तमान समय में प्रकाश की चाल 299, 792, 458 मीटर प्रति सेकेण्ड या 186, 282 मिल प्रति सेकेण्ड निधारित की गयी है। light हमेशा विघुत चुम्बकीय तरंगों के रूप में गति करता है।
धन्यवाद !
मेरा नाम गीता मौर्या है। मैं कंप्यूटर बेसिक नॉलेज कोर्स से सर्टिफाइड हूँ। फिलहाल मै बीए कर रही हूँ।
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