धनी और गरीब की कहानी

दुनिया मे गरीब और धनी दो किस्म के लोग रहते है। अमीर होने का कभी घमंड नही करना चाहिए।

कभी किसी गरीब इंसान का मजाक नही बनाना चाहिए, क्योंकि समय सभी का अपना- अपना आता है।

आज मैं एक भाई और बहन की अमीर – गरीब की कहानी बताऊँगी।

चलिए कहानी शुरू करतें है। ❤️

एक गाँव मे एक गरीब किसान रहता था। उसका एक बेटा और एक बेटी थी।

किसान अपने बेटा का विवाह कर के कुछ साल के बाद अपनी बेटी का भी विवाह एक अमीर घर मे कर देता है।

बेटी बहुत अमीर घर में गयी थी, उसके घर मे नौकर चाकर काम करते थे।

किसान अपने दोनों बच्चों का विवाह कर के इस दुनिया से चला जाता है।

बेटी को धन की तो कमी नही था।

वहीं बेटा बहुत गरीब था, किसी तरह खेती, मेहनत- मजदूरी कर के अपने परिवार का पालन-पोषण करता था।

उसकी पत्नी भगवान भोलेनाथ (शिव) की बहुत बड़ी भक्त थी। गरीब होने के बाद भी वह भगवान से कोई शिकायत नही करती थी, वह थोड़े में ही गुजारा कर लेती और अपने परिवार के साथ खुशी से रहती थी।

वही उसके पति की बहन धन ज्यादा होने के कारण घमंडी थी। वह अपने भाई के गरीबी के कारण उनसे कोई रिश्ता नही रखना चाहती थी।

उसकी बहन धन के घमंड में इतनी चुर थी कि अपने भाई को देखना तक पसंद नही करती थी।

समय बीतता गया और बहन के ननद की शादी पड़ी। उसने अपने भाई को बुलाया तक नहीं। किसी तरह उसके भाई को पता चला और वह बिना बुलाये ही बहन के घर शादी में चला जाता है।

बहन उसको देखते ही अपने नौकरों से कह कर घर से बाहर ही लौटा देती है। भाई भूखा प्यासा रोते हुवे जा रहा था, तभी रास्ते में उसको एक बूढ़ी मां मिलती है।

उन्होंने ने उस भाई से पूछा बेटा क्यों रो रहे हो इतने में वह अपनी सारी दुःखदायी कहानी बताता हैं। बूढ़ी माता ने उसे समझाकर चुप होने को कहती हैं।

बूढी माता जी गरीब किसान के बेटा से कहती कि यहीं पास में मेरा बगीचा है, चलो कुछ खा के आराम कर लो।

दोनों बगीचे में जा के खरबूज खाते है, फिर बूढ़ी माता ने एक थैले में खरबूज और कुछ खाने पीने का समान रख के उसे वहाँ से घर भेजतीं है।

घर पहुँचने के बाद बच्चें सब अपने पिता के आगे पीछे घूमते है। उसकी पत्नी अंदर से पानी लेकर आती और तुरंत थैला हाथ से लेकर देखने लगती है कि मेरी नंनद क्या दी हैं।

बेचारा भाई वहाँ से चला जाता है। उसकी पत्नी जैसे ही उस खरबूज को काटती खाने के लिए उसमे बीज के जगह हीरे मोती चमक रहे होते है। वह बहुत खुश होती है देख कर।

फिर अपने पति के पास जाकर कहती की दीदी को हमारी गरीबी देखा नहीं गया है इसीलिए इतने सारे धन दी हैं।

बेचारा किसान भाई सोच में पड़ जाता है और किसी से कुछ कहता नहीं है। अब बेचारा भाई भी बहुत धनी और पैसे वाला हो गया।

भाई के अमीर होने की खबर धन के घमंड में चूर रहने वाली बहन को पता चला और वह बिन बुलाये अपने मायके यानि भाई के घर आती हैं।

यह देखकर भाई मन मे सोचता है कि जब मेरे पास धन नही था तो बहन मुझे देखना तक नही चाहती थीं। फिर भी वह और उसकी पत्नी ने उसका आदर- सत्कार करते है।

कुछ दिन के बाद बहन को सुसराल से बुलावा आया। उसके भाई और भाभी अच्छे कपड़े, मिठाई कुछ उपहार देकर बिदा किया।

इतना सब देखकर उसकी बहन के आँखों मे आँसू आ जाते है उसको समझ मे आ जाता है कि धन ही सब कुछ नही है, अच्छा स्वभाव और दिल का बड़ा भी होना चाहिए। ❤️💯🥀

इस कहानी से हमे क्या शिक्षा मिलती हैं.?

इस कहानी से हमे यह सीखने को मिलता है कि हमें कभी भी किसी की गरीबी और मजबुरी का मजाक नही बनाना चाहिए।

गरीब के कारण किसी से रिश्ता नही तोड़ना चाहिए, समय कब कैसा करवट ले लेती है कि गरीब ‘अमीर’ और अमीर ‘गरीब’ हो जाता है। इसीलिए सभी के साथ आदर- सत्कार और प्रेम से रहना चाहिए। 🥰

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