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मधुमह क्या होता है?
मधुमह एक ऐसी बीमारी है, जिसके होने पर रक्त मे शर्करा का स्तर उच्च हो जाता है। कार्बोहाईड्रेट्स की चयापचय मे गड़बड़ी होने लगती है। लंबे समय तक मधुमेह के होने से किडनी फ़ेल, हृदय रोग, पैरो मे फोड़ा होने जैसे रोग उत्पन्न हो सकते है।
मधुमेह के कारण और लक्षण
कारण :
- जब शरीर मे हार्मोन इंसुलिन की कमी होती है तब मधुमेह की बीमारी होती है।
- अर्थात हार्मोन इंसुलिन की उत्पत्ति मे रुकावट होना या इसके खराब होने से डायबिटीज़ होता है।
- लंबे समय तक शरीर की पाचन व्यवस्था खराब होने की वजह से भी डायबिटीज़ होता है।
लक्षण :
- पेशाब मे चिटियाँ लगे तो समझ जाइए की आपको मधु-मेह है।
- चोट लगने पर घावों का जल्दी से न भरना।
- अधिक भूख और प्यास लगना।
- बार बार पेशाब का आना।
- अचानक से आंखो से कम दिखाई देने लगना।
- अचानक से वज़न मे कमी होना।
मधुमेह के घरेलू जड़ी-बूटी द्वारा रामबाड़ उपचार
(1) सुखा जामुन की गुठली + पानी : डायबिटीज़ की बीमारी मे, जामुन की गुठली को अच्छे से बारीक पीसकर रोज़ सुबह शाम शुद्ध पानी के साथ 5-6 माशा खायेँ। बहुत ही लाभकारी होता है।
(2) खैर + पपीता + सुपारी + कत्था : इन चारो को एक साथ मिलाकर काढ़ा तैयार करें, फिर काढ़े को चाय की भाँति पिये। डायबिटीज़ के लिए बहुत ही लाभकारी होता है।
(3) ताज़ा बेल की पत्ती + काली मिर्च : काली मिर्च के 10 दाने अच्छे से पीसकर पावडर तैयार कर लें, और बेल के पत्ते के 20 ग्राम रस निकाल लें, फिर इन दोनों को एक साथ मिलाकर पी जाएँ। डायबिटीज़ रोग को ठीक करने के लिए बहुत ही लाभकारी है।
(4) करेला + पानी : साफ पानी मे, ताजे हरे करेले के टुकड़े को उबाल कर खाने से डायबिटीज़ मे फायदा मिलता है।
(5) आम के पत्ते + ताज़ा पानी : आम के पेड़ से टूट कर गिरे हुये पत्तों को बारीक अच्छे से पीसकर, 2 से 3 माशा सुबह और शाम साफ ताज़े पानी के साथ लेने से डायबिटीज़ मे बहुत ही फायदा होता है।
(6) तुलसी + बेल + नीम + साफ पानी : तुलसी, बेल और नीम के 5-5 पत्तों का रस निकालकर, साफ शुद्ध पानी मे मिलाकर, सुबह और शाम पीने से डायबिटीज़ मे लाभ मिलता है।
(7) मैथीदाना + पानी : रात मे सोने से पहले मैथीदाना साफ पानी मे भिगोकर रख लें। सुबह मे फुले हुये मैथीदाना को पानी से छानकर अच्छे से चबाकर खाएं, फिर छने हुये पानी को पी जाएँ। डायबिटीज़ के लिए रामबाड़ दवा है।
(8) गेंदे के फूल की पत्ती को निचोड़कर, इसमे से रस निकालकर रोज सुबह मे इसका सेवन करे। डायबिटीज़ की बीमारी ठीक हो जाती है।
(9) जामुन की गुठली + ग्वारपाठे के रस + गुड़मार बूटी + सोंठ : डायबिटीज़ की बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए, 50 ग्राम जामुन की गुठली पीस ले, 100 ग्राम गुड़मार बूटी कूट पीस लें, 50 ग्राम सोंठ कूट-पीस लें और इन तीनों को मिलाकर मिश्रण तैयार करे। फिर ग्वारपाठे के रस मे मिलाकर कर 2 से 3 ग्राम की गोलियां बना लें। सुबह, दोपहर और शाम 1-1 गोली शहद के साथ खाएं।
(10) गूलर के पके फल + सेंधा नमक : मधु-मेह बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को पके गूलर को सेंधा नमक के साथ खाना चाहिए, इससे मधुमेह मे बहुत ही फायदा मिलता है।
मधुमेह से बचने के लिए, रखें इन बातों का ध्यान !
- ज़्यादा से ज़्यादा हरी साग-सब्जियाँ नियंत्रित और संतुलित रूप से इस्तेमाल करें।
- तेल, मसाला, आलू, चावल, चिनीयुक्त खाद्य पदार्थ से हमेशा दूर रहें।
- शराब, चाय, कॉफी का सेवन ना करें।
- रोज सुबह नंगे पाव चले और योगा करे।
- अपने शरीर के वजन को बढ़ने ना दें, अर्थात अपने मोटापा को स्वस्थ और संतुलित आहार के जरिये कम करें।
- ज़्यादा से ज़्यादा अपने शरीर को व्यायाम के माध्यम से दौड़ने दे।
- मानसिक तनाव से दूर रहे, क्यूंकी तनाव से शुगर की मात्रा बढ़ती है। नतीजन मधुमेह की बीमारी मे बढ़ोतरी।
- विशेषज्ञ डॉक्टर से साल मे 1 बार पूर्ण रूप से मधुमेह की जाँच ज़रूर करवाए।
धन्यवाद !
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