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आदि मानव के जीवन की कहानी : Sahi Aur Galat

हमारी पृथ्वी करोडों साल पुरानी है। परन्तु आदिमानव हज़ारों साल पुराने हैं। दोस्तों आदि मानव के पूर्वज बन्दर के खास प्रजाति हुआ करती थी।

जब आदिमानव हुआ करते थे, तब चारों तरफ जंगल ही जंगल था। आदि मानव का जीवन बहुत मुश्किल भरा होता था। जंगल के जानवरो की तरह आदि मानव भी अपना जीवन व्यतीत करते थे।

आदि मानव जानवरों से डरते थे। उनका डरना भी स्वभाविक था, क्यूंकि उनके पास कोई हथियार नही था, जिससे की वो अपना सुरक्षा कर सके।

हर आदि मानव अपने भोजन के लिए दिनभर जंगल में इधर उधर भटकता रहता था। वे फल, फूल, पौधे की जड़ खाकर अपना जीवन गुजर बसर करते थे।

अपने से कमज़ोर जानवरों का शिकार करके, उनके कच्चे माँस को भी वे खाते थे। लेकिन खतरनाक जानवरों से अपना जान बचाना भी एक मुश्किल भरा काम था। दिन में वो आसानी से अपनी रक्षा कर लेते थे। और रात में अपनी रक्षा के लिए, गुफ़ा या फिर पेड़ों में सोते थे।

जानवरों की मारने और जड़ों की खुदाई के लिए केवल हाथ ही काफी नही थे। ऐसे कार्य के लिए आदि मानव लकड़ी को पत्थर की सहायता से नुकीला करके खुदाई और शिकार करने लगे।

मजबूत चमड़ी वाले जानवर और लकड़ी को काटने के लिए नुकीले पत्थर का इस्तेमाल करते थे। इन्ही पत्थरों और लकड़ी की सहायता से आदि मानव हथियार भी बनाने लगे।

आदि मानव ने सबसे पहले कुल्हाड़ी बनाया, जो की आदि मानव के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि थी। ऐसे ही धीरे पत्थरों की सहायता से बहुत सारे औज़ार बनाने लगे। इस समय की सभ्यता आदि मानव का पाषाण काल कहलाया।

आदि मानव अधिकतर जंगलों में आग लगा देखते थे। परंतु उन्हें समझ में नही आता था, की ये क्या है। आग को आदि मानव सबसे खतरनाक जानवर समझते थे। क्यूंकि आग से जंगल के सभी जानवर, चाहे वो शेर हो या हाथी, सब डरते थे।

एक बार आदि मानव ने यह गौर किया की आग पानी के संपर्क में आते ही नष्ट हो जाता है। फिर आदि मानव आग से बचने के लिए नहरों और तालाबों की तरफ भागते थे।

पत्थर से पत्थर टकरा कर आदि मानव आग उत्पन्न करना भी सीख लिया। आग आदि मानव के लिए बड़ी खोज थी। क्यूंकि आग से रात के अंधेरे में उजाला मिलता था, आग से जानवरों को डरा सकते थे, माँस को भून कर खाने लगे, ठण्ड में आग से शरीर को गर्म करते थे इत्यादि।

आदि मानव पशुओं की तरह नंगे रहता था। समय के साथ आदि मानव अपने शरीर को पत्तियों से ढकने लगा। आगे चलकर आदि मानव ने जानवरों की खाल से भी अपने शरीर को ढकने लगा।

जानवर के हड्डियों और दाँत से आदि मानव हथियार भी बनाते, साथ ही साथ इनका आभूषण भी बनाकर पहनते थे।

आदिमानव से आज के मानव जीवन का सफर

धन्यवाद !

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