Skip to content
Home » वाच्य (Voice) किसे कहते हैं ( कर्तृ, कर्म, भाव ) -vachy के परिभाषा और उदाहरण

वाच्य (Voice) किसे कहते हैं ( कर्तृ, कर्म, भाव ) -vachy के परिभाषा और उदाहरण

नमस्कार दोस्तों! आज हम बात करेंगे वाच्य के बारे में। वाच्य को अँग्रेजी मे voice कहते हैं। vachy हिंदी व्याकरण एक प्रमुख विषय है।

कर्म, भाव और कर्ता से Vachy का मुख्य रूप से सम्बन्ध होता है। वाच्य किसे कहते हैं ? नीचे दिए गए सिद्धान्त से समझिए।

वाच्य क्रिया का रूपान्तरण होता है। जिससे यह पता चलता है की कर्ता, कर्म तथा भाव मे से किसकी प्रधानता है।

वाच्य के भेद / प्रकार

क्रिया के रूपान्तरण के आधार पर vachy तीन प्रकार के होते हैं।

  • कर्तृ Vachy
  • कर्म Vachy
  • भाव Vachy

कर्तृ वाच्य (Active Voice)

जहाँ पर कर्ता के प्रधानता का बोध होता है। वहाँ कर्तृ Vachy होता है। यह सकर्मक और अकर्मक दो प्रकार से बनाई जाती है। उदाहरण –

  • राधा गाती है।
  • राम सोता है।
  • मै स्कूल गया।
  • मैंने जूस पिया।
  • दुखन्ति तैरता है।
  • तुम दौड़ते हो।
  • धोनी कप्तान हैं।
  • विराट कोहली बैट्समैन है।
  • सुशांत सिंह राजपुत हीरो हैं।

कर्म वाच्य (Passive Voice)

क्रिया के उस रूपान्तरण को कर्म vachy कहते हैं, जिसके वाक्य मे कर्म की प्रधानता होती है। इसमें केवल सकर्मक क्रिया का प्रयोग होता है। जैसे –

  • गाना गाया गया।
  • लेख लिखा गया।
  • खाना खाया गया।
  • नाच नाचा गया।
  • पकवान पकाई गयी।
  • फ़िल्म फिल्माया गया।

भाव Vachy (Impersonal voice)

जिस वाक्य मे भाव की प्रधानता होती है, तो वहाँ भाव vachy होता है।

अर्थात वाक्य को पढ़ने पर लगे की क्रिया का विषय न् तो कर्ता और न् ही कर्म है, बल्कि भाव है तब वहां भाव vachy होता है। यह अकर्मक क्रियाएं होती हैं। जैसे –

  • पिता जी से काम किया नही जाता।
  • दादी जी से चला नही जाता।
  • संता से लिखा नही जाता।
  • बंता से नहाया नहीं गया।
  • राम से खाना खाया नहीं गया।
  • फैजल से सेव की पोटरी लाया नहीं गया।
  • शाहिल से हँसी रोका नहीं जाता।

मैं उम्मीद करता हूँ की आपको आज का विषय पूर्ण रूप से समझ मे आ गया होगा। धन्यवाद !

और भी पढ़ें !👇👇👇

कमेंट करके अपना विचार प्रकट करें