शब्द किसे कहते हैं ? Shabd के भेद, परिभाषा और उदाहरण

शब्द के प्रकार परिभाषा और उदहारण

दोस्तों आज हम सीखेंगे की शब्द क्या होता है? शब्दों के कितने प्रकार होते हैंं? शब्द प्रकार की परिभाषा क्या होती है?

शब्दों का भेद मुख्यतः 4 आधार से विभाजित किया जाता है,

लेकिन कुछ विद्वानों द्वारा शब्दों के भेद 5 आधार से वर्गीकृत किया गया है।

तो आइए सबसे पहले यह जानते हैं शब्द की परिभाषा क्या होती है अर्थात शब्द किसे कहते हैं?

शब्द किसे कहते हैं तथा उदाहरण

जब दो अथवा दो से अधिक वर्ण यानी अक्षर मिलकर एक व्यवस्थित एवं स्वतंत्र ध्वनि समूह का निर्माण करते हैं, जिसे शब्द कहते हैं।

एक वाक्य में समझे तो शब्द की परिभाषा कुछ इस प्रकार हो सकता है – एक या एक से अधिक अक्षरों के योग को शब्द कहते हैं।

शब्द के उदाहरण –

  • सही -> स+ह+इ ✓ तीन अक्षर से बना है।
  • और -> औ+र ✓ दो अक्षर से बना है।
  • गलत -> ग+ल+त ✓ तीन अक्षर से बना है।

शब्द के भेद

शब्दों के भेद पांच आधार पर वर्गीकृत किया जाता है।

  1. अर्थ के आधार पर
  2. रचना के आधार पर
  3. उत्पत्ति के आधार पर
  4. रूपांतर अर्थात प्रयोग के आधार पर
  5. शब्द शक्ति के आधार पर

शब्दों के भेद अर्थ के आधार पर

अर्थ के अनुसार शब्द दो प्रकार का होता है।

(1) सार्थक शब्द –

ऐसे शब्द जिनका कुछ ना कुछ अर्थ जरूर होता है उसे सार्थक शब्द कहते हैं।

सार्थक शब्द के उदाहरण –

दुकान, वेबसाइट, इंटरनेट, कंप्यूटर, कार, घर, खाना, मैं, तुम, हम, स्कूल, विश्वविद्यालय, रोटी, कपड़ा, मकान, इत्यादि।

(2) निरर्थक शब्द –

ऐसे शब्द जिनका कुछ भी अर्थ होता ही नहीं है, उन्हें निरर्थक शब्द कहते हैं।

निरर्थक शब्द के उदाहरण –

धम्म, टन्न, फट, चटाचट, ढिचकिया, ठक इत्यादि।

रचना के आधार पर शब्द के प्रकार

शब्दों को रचना के आधार पर शब्द तीन प्रकार का होता है।

(1) रूढ़ शब्द –

ऐसे शब्द जो शब्दों के योग से नहीं बनते हैं, उन्हें रूढ़ शब्द कहते हैं।
रूढ़ शब्द का खंडन करने पर इनका कोई अर्थ नहीं बनता है।

रूढ़ शब्द का उदाहरण –
तेल, आंख, कान, मुंह, किताब, छत, फर्श इत्यादि।

(2) यौगिक शब्द –

ऐसे शब्द जो शब्दों के जोड़ से बनते हैं, उसे योगिक शब्द कहते हैं।

योगिक शब्दों का खंडन करने पर जो नए शब्द बनकर विखंडित होते हैं उनका अर्थ होता है।

यौगिक शब्द के उदाहरण –
समानार्थी, विद्यार्थी, षष्ठवर्षीय, विश्वविद्यालय इत्यादि।

(3) योगरूढ़ शब्द –

योगरूढ़ ऐसे शब्द होते हैं जो दो या दो से अधिक शब्द द्वारा मिलकर बने होते हैं। किंतु अपना सामान्य अर्थ छोड़कर कोई विशेष के लिए एक अर्थ दर्शाते हैं।

योगरूढ़ शब्द के उदाहरण –

  • लंबोदर – इसका मतलब होता है लंबा पेट वाला जो कि एक मनुष्य, हाथी, गोरिल्ला आदि का भी होता है। परंतु लंबोदर शब्द विशेष रूप से गणेश भगवान के लिए है।
  • पितांबर – मतलब पीला रंग का वस्त्र धारण करने वाला, जो कि कोई स्त्री या पुरुष भी धारण करता है, लेकिन पितांबर शब्द केवल भगवान विष्णु के लिए विशेष है।
  • पंकज, जलद इत्यादि।

उत्पत्ति के आधार पर शब्दों के प्रकार

शब्द के प्रकार उत्पत्ति के आधार पर 5 होते हैं।

(1) तत्सम शब्द –

संस्कृत भाषा के ऐसे शब्द जो हिंदी व्याकरण में जैसा होता है, वैसा ही इस्तेमाल कर लिया जाता है, उसे तत्सम शब्द कहते हैं।

कुछ ऐसे संस्कृत भाषा के शब्द, जो जैसा होता है वैसा ही हिंदी भाषा में भी इस्तेमाल किया जाता है, उन्हें ही तत्सम शब्द कहते हैं।

तत्सम शब्द के उदाहरण-
प्रातः, फल, अग्नि, पर्वत, कृषि, प्राणी, ह्रदय, सृष्टि, महान, ब्राह्मण, नदी, साधु, स्नेह इत्यादि।

(2) तद्भव शब्द –

संस्कृत भाषा के कुछ ऐसे शब्द हैं, जो समय के साथ बदलाव होने से हिंदी व्याकरण के शब्द हो गए हैं, उन्हें ही तद्भव शब्द कहते हैं।

तद्भव शब्द के उदाहरण – आम, हवा, सूरज, फूल इत्यादि।

(3) देशज शब्द –

ऐसे शब्द जो क्षेत्रीय अथवा स्थानीय भाषा में आवश्यकतानुसार अत्यधिक प्रचलित होते हैं, उन्हें देसी / देशज शब्द कहते हैं।

देशज शब्द के उदाहरण – लोटा, डिब्बा, थैला, खटिया इत्यादि।

(4) विदेशज शब्द –

ऐसे विदेशी भाषाओं के शब्द जो हिंदी भाषा में परिवर्तित अथवा अपरिवर्तित रूप से इस्तेमाल होते हैं, उन्हें विदेशज शब्द कहते हैं।

विदेशज शब्द के उदाहरण – कलेक्टर, डॉक्टर, फीस, कमरा, कुर्ता, बेगम, मौजा, अमीर, अदालत, बाजू, टका इत्यादि।

(5) वर्ण संकर शब्द –

ऐसे शब्द जो दो भाषा के शब्द के मिलने से बनते हैं, उन्हें वर्ण संकर शब्द कहते हैं।

वर्ण संकर शब्द के उदाहरण –

  • रेलगाड़ी -> रेल (अंग्रेजी) + गाड़ी (हिंदी)
  • जाँचकर्ता -> जाँच (हिंदी) + कर्ता (संस्कृत)
  • राजमहल -> राज (हिंदी) + महल (फारसी)
  • घुड़सवार -> घोड़ा (हिंदी) + सवार (फारसी)
  • उद्योगपति, उड़नतश्तरी इत्यादि।

प्रयोग / रूपांतरण के आधार पर शब्दों के भेद

प्रयोग अथवा रूपांतरण के आधार पर शब्द दो प्रकार के होते हैं।

(1) विकारी शब्द –

वे शब्द जिनका वचन, लिंग और कारक के वजह से रूप में बदलाव होता रहता है उन शब्दों को विकारी शब्द कहते हैं।

विकारी शब्द के उदाहरण –

  • मैं ~ मेरा ~ मुझसे ~ मुझे
  • तुम ~ तुम्हारा ~ तुम्हें ~ तुमसे
  • अच्छा ~ अच्छे
  • वह
  • बालक

(2) अविकारी शब्द –

ऐसे शब्द जिनका लिंग, वचन और कारक के कारण कोई बदलाव नहीं होता है, उन शब्द को अविकारी शब्द कहते हैं।

अविकारी शब्द के उदाहरण – यहां, वहां, आगे, पीछे, ऊपर, नीचे, दाएं, बाएं इत्यादि।

नोट – अव्यय शब्द ही अविकारी शब्द होता है।

शब्द शक्ति के आधार पर शब्द के भेद –

वैसे तो शब्दों को मुख्य रूप से ऊपर बताए गए चार आधार से बांटा जाता है।

परंतु मैंने एक हिंदी व्याकरण शिक्षक द्वारा यह (शब्द शक्ति के आधार पर शब्द तीन प्रकार का होता है) ऐसा पड़ा था, जो निम्नलिखित है।

  1. अभिधा (वाचक)
  2. लाक्षणिक (लक्षणा)
  3. व्यंजक (व्यंजना)

धन्यवाद!

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