अमीर और गरीब बहन

अमीर और गरीब

रक्षाबंधन का दिन था रेशमी अपने रसोई में पकवान बनाने में व्यस्त थीं।

क्योकि उसके पति अमन की दोनों बहने अपने भाई को राखी बाधने आने वाली थी।

अमन की दो बहन थी। बड़ी बहन अंजली की शादी अमीर घर में हुई थी।

अमीर और गरीब

वही छोटी बहन अनामिका की शादी गरीब परिवार में हुई थी।

अमन और उसका पूरा परिवार अंजली को बहुत जानते मानते थे क्योकि वो अमीर थी इसलिए जब भी इनके घर आती थी ढेर सारे उपहार लाती थी।

सबके लिये महँगे कपड़े, बच्चों के लिए ढेर सारी मिठाइयाँ लाती थी। इसलिये उसके आने का सबको इंतज़ार रहता था।

वही अनामिका गरीब थी इसलिए वह अंजली जितना सामान नहीं लाती थी। पर उनसे बहुत प्यार करती थी।

उस दिन भी अमन का पूरा परिवार अंजली की राह देख रहा था।

अनामिका पहले आ गई। दोनों बच्चों को चॉकलेट्स की थैला देती है।

उसे देख रेशमी मन ही मन सोची- बेकार सी मिठाई लेकर आ गई पाँच सौ का नोट ले कर जाएगी।

बिना मन से उसको अंदर बुलाई। अभी अनामिका अंदर आई ही थी कि अंजली भी आ गई

जिसे देख अमन के दोनों बच्चे अनामिका के थैले को फ़ेक अंजली से जाकर लिपट गये।

वह उनके लिए ढेर सारे उपहार और महँगे महँगे कपड़े लाई थी। दोनों बच्चे उपहार लेकर खुश हो गये।

पूरा परिवार अंजली की ख़ातिरदारी में लग गये। उसे अच्छे से चाय पानी कराया लेकिन अनामिका को कोई नहीं पूछ रहा था।

यह सब देखकर अनामिका के आँखों में आँसू आ गये। सब होने के बाद दोनों बहने अमन को राखी बाधी।

सब रस्म होने के बाद शाम को अंजली कमरे में बैठ गई लेकिन अनामिका रेशमी के साथ घर का सारा काम करने में हाथ बटाने लगी।

उधर शाम होते ही अमन शराब की बोतल लेकर शराब पीने बैठ गया।

उसे शराब पीता देख अनामिका आई और बोली- भइया डॉक्टर ने आपको शराब पीने से मना किया है।

फिर भी आप पीने बैठ गये। आपकी एक किडनी पहले ही ख़राब है अगर आप शराब पीना बंद नहीं करेंगे तो दूसरी किडनी भी ख़राब होने में समय नहीं लगेगा।

अमन बोला- तुम परेशान मत हो मुझे कुछ नहीं होगा। थोड़ा सा ही पी रहा हूँ, इतने से कुछ नहीं होता है। तुम चिंता मत करो।

सभी लोग अंजली से बात कर रहे थे अनामिका से कोई बात नहीं कर रहा था।

अनामिका को उनका व्यवहार बहुत बुरा लग रहा था इसलिए वह अपने घर जाना बेहतर समझती है।

वह अपने घर चली गई। अमन और रेशमी अंजली को रात में रुकने को कहते है इसलिए अंजली रात में वही रुकी थी। अगले दिन सुबह अपने घर गई।

दो दिन बाद अमन की तबियत बहुत ख़राब हुई। उसको अस्पताल में भर्ती करना पड़ा।

डॉक्टर बताया कि अमन कि दोनों किडनी ख़राब हो चुकी है और उनके पास कोई किडनी दान करने वाला नहीं है।

अब अमन को बचाने का एक ही रास्ता है कि उसे कोई किडनी दान करने वाला मिल जाये।

डॉक्टर सलाह दिया कि यदि परिवार में कोई किडनी दान करेगा तो ही जान बचाई जा सकती है।

जाँच में रेशमी का ब्लड ग्रुप अमन के ग्रुप से नहीं मिलता है।

रेशमी अंजली को फ़ोन कर बड़ी उम्मीद से अस्पताल बुलाती है। उससे सारी बात बताती है।

लेकिन अंजली अपनी किडनी दान करने से साफ़ मना कर देती है।

बोलती है- भाभी मैं अपनी किडनी नहीं दे सकती मेरे ससुराल वाले कभी भी इस बात के लिये राज़ी नहीं होंगे।

अगर आपको पैसों की ज़रूरत होगी तो बताना वो मैं कर सकती हूँ।

यह सब बोल कर अमन से बिना मिले घर चली गई। बोली मैं कल भइया से मिलने आऊँगी।

लेकिन दोबारा न ही आई न ही फ़ोन कर हॉल चाल पूछी। जब अंजली उनका साथ नहीं दी तब वह अनामिका को फ़ोन कर के सारी बात बताती है।

अनामिका भागी भागी अस्पताल आती है और डॉक्टर से बोली- आप मेरी जाँच करिए अगर सब ठीक हुआ तो मैं किडनी देने को तैयार हूँ।

जाँच में पता चलता है कि अनामिका अपनी किडनी दान कर सकती है।

भाई की जान बचाने के लिए अनामिका बिना सोचे अपनी एक किडनी दान कर देती है।

तुरंत ऑपरेशन होता है और सफल भी रहता है। अनामिका गरीब थी लेकिन दिल से अमीर थी।

उसने राखी और भाई बहन के रिश्ते की अहमियत को समझते हुए उचित निर्णय लिया।

अपने भाई की जान बचाई। रेशमी और अमन उसके साथ बुरे बर्ताव के लिए बहुत शर्मिंदा थे उन्होंने उससे माफ़ी माँगी।

लालच में पूरा परिवार जिस बहन को सराखों पर रखता था। वह बहन ज़रूरत पड़ने पर मुँह फेर ली।

जिस बहन से सीधे मुँह बात भी नहीं करते थे उसने अपना जीवन ख़तरे में डाल कर अपने भाई की जान बचाई।

कहानी की सीख – रिश्ते की अहमियत उसके अमीरी या गरीबी से नहीं होती है। मुसीबत में जो साथ दे वही सच्चा रिश्ता होता है।

कमेंट करके अपना विचार प्रकट करें