विशेषण का हिंदी व्याकरण मे परिभाषा – प्रकार – उदाहरण | Adjective in Hindi

विशेषण-क्या-होता-है

वे शब्द जो संज्ञा और सर्वनाम की विशेषता बताते हैं उसे विशेषण कहते हैं। इसे अँग्रेजी भाषा मे adjective कहते हैं।

जिन शब्दों द्वारा विशेषता बताई जाती है उसे विशेषण कहते हैं और जिसकी विशेषता बताई जाती है उसे विशेष्य कहते हैं। जैसे –

  • मोटी लड़की हंस पड़ी। => यहां पर वाक्य से यह समझ में आ रहा है कि मोटी शब्द जो है वह विशेषण है तथा लड़की शब्द जो है वह विशेष्य हैं।
  • राम सुंदर लड़का है। => इस वाक्य में सुंदर शब्द विशेषण है तथा राम और लड़का शब्द विशेष्य है।

विशेषण के भेद

अब हम बात करेंगे कि visheshan कितने प्रकार के होते हैं और उन प्रकारों की परिभाषा बारी-बारी से हम निम्नलिखित में समझेंगे।

विशेषण मुख्यतः चार प्रकार के होते हैं

  1. सार्वनामिक विशे.
  2. गुणवाचक विशे.
  3. संख्यावाचक विशे.
  4. परिमाणवाचक विशे.

सार्वनामिक विशेषण

विशेषण के रूप में प्रयुक्त होने वाले सर्वनाम सार्वनामिक विशे. कहलाता है।

अर्थात कहने का मतलब यह है कि जिस किसी भी वाक्य में वह सर्वनाम जो विशेषण के रूप में इस्तेमाल किया जाता है वह सार्वनामिक विशे. कहलाता है।

अब हम आगे यह जानेंगे कि सार्वनामिक विशे. के कितने भेद होते हैं।

यह मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं। पहला ‘मौलिक सार्वनामिक’ दूसरा ‘यौगिक सार्वनामिक’

मौलिक सार्वनामिक

जो सर्वनाम बिना रूपांतरण के मौलिक रूप में संज्ञा शब्दों के पहले आते हैं तथा उसकी विशेषता बताते हैं, उसे मौलिक सार्वनामिक विशेषण कहते हैं।

चलिए कुछ उदाहरण द्वारा समझने की कोशिश करते हैं।

  • यह किताब मेरी है।
  • यह मेज उसका है।
  • वह घर मेरा है।
  • कोई आदमी रो रहा है।

ऊपर दिए गए उदाहरण से साफ-साफ मौलिक सार्वनामिक विशे. को समझा जा सकता है। अब चलिए आगे हम लोग बात करेंगे यौगिक सार्वनामिक विशे. के बारे में।

यौगिक सार्वनामिक

जो सर्वनाम शब्द रूपांतरित होकर संज्ञा शब्दों की विशेषता बताता है, उसे यौगिक सार्वनामिक विशेषण कहते हैं। उदाहरण –

  • ऐसा घर मेरा था।
  • कैसा घर चाहिए।
  • जैसा देश वैसा वेश।

गुणवाचक विशेषण

जो शब्द संज्ञा सर्वनाम के गुण धर्म का बोध कराते हैं उन्हें गुणवाचक विशेषण कहते हैं।

गुण धर्म का बोध कराने के लिए निम्नलिखित 5 बोधक होते हैं तो चलिए इसे समझते हैं।

  1. काल बोधक = ताजा, मौसमी, प्रवीन, नवीन, पुराना इत्यादि।
  2. रंग बोधक = समस्त रंग।
  3. दसा बोधक = मोटा, पतला, युवा, वृद्ध, गीला, सूखा इत्यादि।
  4. गुण बोधक = अच्छा, बुरा, भला, कपटी, न्यायी, सीधा, पापी, झूठा इत्यादि।
  5. आकार बोधक = गोल, तिकोना, चौकोर, मोटा, पतला, नुकीला, सुडौल इत्यादि।

संख्यावाचक विशेषण

जो शब्द संज्ञा अथवा सर्वनाम के संख्या का बोध कराते हैं, उसे संख्यावाचक विशेषण कहते हैं।

अर्थात कहने का मतलब यह है कि किसी वाक्य में अगर हम किसी शब्द द्वारा संज्ञा और सर्वनाम की संख्या को समझ पाते हैं, तो वह शब्द संख्यावाचक विशेषण कहलाता है।

तो ऊपर हमने यह सीखा कि संख्यावाचक विशे. क्या होता है अब हम बात करेंगे कि संख्यावाचक विशे. कितने प्रकार का होता है।

संख्यावाचक विशे. मुख्यतः दो प्रकार का होता है।

  1. निश्चित संख्यावाचक
  2. अनिश्चित संख्यावाचक

अब हम कुछ उदाहरण के माध्यम से समझेंगे निश्चित संख्यावाचक विशेषण के बारे में और अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण के बारे में।

  • मैदान में 11 खिलाड़ी खेल रहे हैं। => यहां पर “11 संख्या” से साफ साफ पता चल रहा है कि यह निश्चित वाचक है।
  • दरवाजे पर कुछ लोग खड़े हैं। => यहां पर “कुछ लोग” निश्चित संख्या के बारे में नहीं बता रहा है अर्थात यह अनिश्चित वाचक है।

परिमाणवाचक विशेषण

किसी संज्ञा या सर्वनाम के परिमाण अर्थात माप-तोल सम्बन्धी विशेषता बताने वाले शब्द को परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं। जैसे –

  • 5 लीटर दूध चाहिए।
  • भिखारी को कुछ गेंहू दे दो।

परिमाणवाचक विशे. दो प्रकार के होते हैं।

1). निश्चित परिमाणवाचक

नीचे आप दो उदाहरण देख सकते हैं पहले उदाहरण में यह दर्शाया गया है कि 10 मीटर कपड़ा खरीदा गया है। अर्थात 10 मीटर एक निश्चित परिवार है अतः यह निश्चित परिमाणवाचक है।

A) वह बाजार से 10 मीटर कपड़ा खरीद के लाया है।

उसी प्रकार हम दूसरे उदाहरण में यह देख सकते हैं कि दुकानदार से 2 किलो अरहर की दाल खरीदी गई है। अर्थात 2 किलो एक निश्चित परिमाण है अतः यह भी निश्चित परिमाणवाचक का एक उदाहरण है।

B) 2 किलो अरहर की दाल ले लेना।

2). अनिश्चित परिमाणवाचक

अब हम बात करेंगे अनिश्चित परिमाणवाचक के बारे में। जैसा कि आप नीचे देख सकते हैं की मैंने दो उदाहरण के बारे में जिक्र किया हुआ है।

पहले उदाहरण में “थोड़ा सा” शब्द का इस्तेमाल किया गया है। और दूसरे वाले में “कुछ भी” का इस्तेमाल किया गया है।

“थोड़ा सा” शब्द से साफ साफ पता चल पा रहा है कि यह निश्चित नहीं हो पा रहा है कि कितने परिमाण की बात की जा रही है।

उसी तरह “कुछ भी” शब्द से भी यह साफ साफ पता चल पा रहा है कि एक निश्चित परिमाण का पता नहीं चल पा रहा है। अर्थात यह दोनों उदाहरण अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण है।

  • उसे थोड़ा सा नमक दे दो।
  • सासु माँ मैं कुछ भी खा लूँगा।

प्रविशेषण किसे कहते हैं

विशेषण की विशेषता बताने वाले शब्द को प्रविशेषण कहते हैं। जैसे –

  • घोड़ा अत्यधिक तेज दौड़ता है। => यहां पर “अत्यधिक” शब्द प्रविशेषण है।
  • संध्या का दृश्य बहुत ही सुहावना होता है। => यहां पर “बहुत” शब्द प्रविशेषण है।

विशेषण की अवस्थाएं

निम्नलिखित में आप देख सकते हैं कि विशेषण की तीन अवस्थाएं बताई गई हैं।

  1. मुला वस्था : एक व्यक्ति/वस्तु या पदार्थ की विशेषता। जैसे – कोयल काली है।
  2. तुलात्मक वस्था / उत्तरा वस्था : दो लोगों मे तुलना करते हुए विशेषता दर्शाना। जैसे – राम श्याम से अधिक बुद्धिमान है।
  3. तमावस्था/उत्तमा वस्था : दो से अधिक लोगों मे से तुलना करते हुए विशेषता दिखाना। जैसे – लता के गीत अधिक मधुर हैं।

धन्यवाद !

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