स्वर्ग का रास्ता

स्वर्ग का रास्ता

रामपुर गाँव में राधा अपने पुत्र राम और पुत्री रेणुका के साथ रहती थी। राम जब तीन साल का था तभी उसके पिता की मृत्यु हो गई थी। लेकिन उसकी माँ कभी पिता की कमी महसूस नहीं होने दी। वह दोनों बच्चों से बहुत प्यार करती थी। राधा हर रात राम को कहानी सुनाती थी।…

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सोने की खेती

सोने की खेती

पहाड़ों के बीच मानकपुर नाम का एक गाँव था। जहां के सभी लोग बौने थे। वहाँ सोने की खेती होती थी। वहाँ की मिट्टी में सोने के कड़ पाये जाते थे। वहाँ के लोग एक विशेष लहसुन जैसा पौधा लगाते थे, जिससे सोना उगता था। उसी गाँव में एक बहुत गरीब परिवार रहता था। जिसमें…

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Wi-Fi वाला कुआँ

Wi-Fi वाला कुआँ- मेहनत से मिली चीज की कीमत और अहमियत

एक गाँव के एक परिवार में रमेश अपनी पत्नी राधा और अपने पुत्र पंकज के साथ रहता था। रमेश की आमदनी बहुत कम थी जिसकी वजह से इनका जीवन यापन बहुत मुश्किल से होता था। रमेश, चुन्नू सेठ की दुकान पर काम करता था। गर्मी की छुट्टियाँ थी, रमेश अपने बेटे को भी अपने साथ…

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टुटा घड़ा

टुटा घड़ा

चन्द्रपुर गाँव में मुखियाँ जी के घर रामू नाम का नौकर काम करता था। रामू एक दिन बाज़ार गया। वहाँ से दो सुंदर मटके ख़रीदा जिसमें सबसे अधिक पानी आ सकता था। दोनों मटको को घर लाया। मुखियाँ जी को दोनों मटके बहुत पसंद आए। उन्होंने रामू से बोला तुम बहुत अच्छे मटके लाए हो…

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सोने की कुल्हाड़ी

सोने की कुल्हाड़ी

एक गाँव में दो लकड़हारे राम और श्याम रहते थें। राम बहुत मेहनती, कर्मठ और ईमानदार था। वही श्याम कामचोर, अनियमित और लालची था। दोनों का काम जंगल से लकड़ियाँ काटना और उन्हें बाज़ार में बेचना था। राम रोज़ सुबह सूरज निकलने से पहले जंगल जाता और धूप होने से पहले ही काम ख़त्म का…

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जादुई बैगन - अच्छे और बुरे की परख

जादुई बैगन – अच्छे और बुरे की परख

एक शहर में राधे अपनी पत्नी गीता तथा अपनी माँ के साथ रहता था। राधे की माँ को बैगन का भर्ता बहुत पसंद था। गीता राधे से कई दिनों बैगन लाने को बोल रही थी लेकिन वह रोज़ भूल जाता था। एक दिन जैसे ही राधे सब्ज़ी लेकर घर आया गीता सब्ज़ियाँ देखी और बोली-…

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तकदीर

तकदीर

एक गाँव में अमीरचंद नाम का जमींदार रहता था। उसके पूर्वजों द्वारा कमाए धन से वह बहुत धन कमाया था। उसको अपने धनवान होने का बहुत घमंड था। उसे लगता था कि वह अपने धन से दुनिया की हर चीज ख़रीद सकता है। एक दिन उसका भाई शराब पी कर गाड़ी चला रहा था। नशे…

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झोपड़पट्टी में रहने वाली गरीब की रक्षाबंधन त्यौहार

सोने के अण्डे

एक गाँव में एक ग़रीब किसान अपनी पत्नी राधिका के साथ रहता था। बेचारा किसान रोज़ दिन भर खेत में काम करता था। दिन भर जो कमाता उसी का राशन ले आता था। फिर उसके घर ख़ाना पकता था। किसान बहुत मेहनती था और संतोषी आदमी था। उसके पास जो भी था उसी में खुश…

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लालची समोसे वाला

लालची समोसे वाला

एक गाँव में मोहन और उसकी पत्नी राधा रहते थे। दोनों की नई नई शादी हुई थी। रोज़ सुबह मोहन कारख़ाने में काम करने जाता था और शाम को घर आता था। शाम को घर आते ही राधा के हाथ का ख़ाना खाने की जल्दी में रहता था। मोहन को राधा के हाथ के समोसे…

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